पिता का फर्ज निभाकर एक मां ने बनाया अपनी बेटियों को मार्शल आर्ट चैंपियन, जाने सफलता का राज़
मार्शल आर्ट खिलाड़ी टिकेश्वरी का कहना है कि उन्होंने अपने परिवार में कई मुसीबतों का सामना किया है साथ ही अपने मामा के घर रहकर पढ़ाई की, लेकिन वह हारी नहीं। खुद को मज़बूत बनाने का ठाना और इसी कारण से मार्शल आर्ट सीखने की शुरुआत किया। वे बताती है कि लड़के के मोह में परिवार में चार लड़कियां हो गई। जिसमें से वह सबसे बड़ी है। जब उन्हें परिवार का तिरस्कार झेलना पड़ा तब उनका पूरा जीवन बदल गया। हालांकि, बाकी की दो और बहनों को क्रिकेट और थाई बॉक्सिंग की खिलाड़ी बनाया।
टिकेश्वरी की मां नीरा साहू आरा मिल में मजदूरी का काम करती थी। कुछ वर्ष पहले उनके पिता सुरेश साहू गुजर गए थे। टिकेश्वरी यूथाई में नेशनल लेवल में प्रो फाइट गोल्ड मेडलिस्ट हैं और नेशनल में 5 गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। साथ ही वह थाई बॉक्सिंग में 4 बार नेशनल व 2 इंटरनेशनल खेल चुकी हैं और इसी में एशियन चैपियनशिप में सिल्वर मेडल व वर्ल्ड चैपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं।
जहां से पढ़कर निकली वहीं बनी स्पोर्ट्स की टीचर
गुजराती स्कूल देवेंद्र नगर से उन्होंने पढ़ाई किया और अब वह वहीं पर स्पोर्ट्स टीचर बनकर बच्चों को मार्शल आर्ट का मार्ग बता रही, साथ ही साथ सिखा भी रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उनके पढ़ाई के साथ खेल का भी खर्च स्कूल में मिलने वाले सहयोग से पुरा हुआ है। उसी स्कूल के ही जयंती भाई पटेल की मदद से उन्होंने न केवल अपनी पढ़ाई पूरी की बल्कि खेल में भी उनकी आर्थिक मदद से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंची।
लड़कियां कमजोर नहीं, मजबूत होती हैं
टिकेश्वरी ने कहा कि वे रोज स्कूल जाती थी और बाद में मार्शल आर्ट की प्रैक्टिस करने के लिए वह 60 किलोमीटर का फासला साइकिल से तेह करती थी। साथ ही उनका कहना है कि उनके मन में एक बात खलती थी कि जिन लोगों ने उन्हें सताया है उनको करारा जवाब देना है और यह भी बताना है कि लड़कियां कमजोर नहीं, बल्कि मजबूत होती हैं।