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अरविन्द केजरीवाल कौन है , कैसे बने मुख्यमंत्री ,जेल क्यों गए

Arvind Kejriwal arrested by ED

Arvind Kejriwal arrested by ED

अरविन्द केजरीवाल कौन है

अरविंद केजरीवाल का जन्म 16 अगस्त 1968 में हुआ | यह एक भारतीय राजनीतिज्ञ एवं आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संचालक और दिल्ली के मुख्यमंत्री है |इससे पहले यह सिविल सर्विस अफसर भी रह चुके है उसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी काम किया है भारत में गरीबो के लिए लड़ाईया भी लड़ी जिसके कारण 2006 में रमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया है इन्होने आम आदमी पार्टी के नाम से एक नये राजनीतिक दल की स्थापना की|

जिंदगी का सफर

अरविंद केजरीवाल का जन्म 1968 में हरियाणा के हिसार शहर में हुआ और उन्होंने 1989 में आईआईटी खड़गपुर से यांत्रिक अभियांत्रिकी में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।1992 में भारतीय नागरिक सेवा (आईसीएस )के भारतीय राजस्य सेवा में आ गए | दिल्ली में आयकर आयुक्त कार्यालय में नियुक्त किया गया | उन्होंने महसूस किया कि सरकार में बहुप्रचलित भ्रष्टाचार के कारण प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है |जनवरी २००० में, उन्होंने काम से विश्राम ले लिया और दिल्ली में क पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन को सही करने के लिए मुहिम शुरु की | जिसकी वजह से फरवरी २००६ में नौकरी से त्यागपत्र दे दिया | अरुणा रॉय, गोरे लाल मनीषी और कई अन्य लोगों के साथ मिलकर, उन्होंने सूचना अधिकार अधिनियम के लिए अभियान शुरू किया, जो जल्दी ही एक मूक सामाजिक आन्दोलन बन गया, दिल्ली में सूचना अधिकार अधिनियम को 2001 में पारित किया गया | और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संसद ने 2005 में सूचना अधिकार अधिनियम (आरटीआई) को पारित कर दिया |इसके बाद, लगभग यही महीना जुलाई 2006 में उन्होंने संपूर्ण भारत में आरटीआई के बारे में जागरूकता फ़ैलाना शुरु किया | सूचना का अधिकार गरीब लोगों के लिए तो महत्वपूर्ण है ही, साथ ही आम जनता और पेशेवर लोगों के लिए भी यह उतना ही महत्वपूर्ण है। आज भी कई भारतीय सरकार के निर्वाचन की प्रक्रिया में निष्क्रिय दर्शक ही बने हुए हैं। अपने संगठन परिवर्तन के माध्यम से वे लोगों को प्रशासन में सक्रिय रूप से हिस्सा लेने के लिए प्रेरित करते हैं। आरटीआई को आम नागरिक के लिए एक शक्तिशाली उपकरण बनने में लम्बा समय लगेगा। हालांकि अरविन्द ने हमें दिखा दिया है कि वास्तव में इसके लिए एक सम्भव रास्ता है |इनकी पत्नी का नाम सुनीता केजरीवाल है इनके दो बच्चे है| 1 99 5 में, अरविंद ने 1993 के बैच के आईआरएस अधिकारी सुनीता से शादी की।उन्होंने आयकर आयुक्त के रूप में 2016 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली।केजरीवाल शाकाहारी हैं|

राजनीति में प्रवेश

वर्ष 2012 में अरविन्द केजरीवाल ने अपने राजनितिक में करियर बनाने के लिए चल दिए , गाँधी जी की टोपी जिसे आम जनता अण्णा टोपी भी कहती है | उन्होंने टोपी में लिखवाया की हम आम आदमी है उसके बाद उन्होंने डीएलएफ में हुए भ्रस्टाचार के खिलाफ जमकर सामने आये साथ में इसके मास्टरमाइंड राहुल वाड्रा को जेल भी पहुंचाया राहुल वाड्रा कांग्रेस नेता सोनिया गाँधी जी के दामाद है | बाद में केन्द्रीय विधि मंत्री सलमान खुर्शीद और उनकी पत्नी लुई खुर्शीद के ट्रस्ट के खिलाफ आन्दोलन भी छेड़ा।

उन्होंने नई दिल्ली की लगातार 15 साल से दिल्ली की मुख्यमंत्री रही श्रीमती शीला दीक्षित से 2013 के दिल्ली विधान सभा चुनावों में सीधी टक्कर ली | उन्होंने नई दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को 25864 मतों से हराया। अरविंद केजरीवाल को कुल 44269 मत प्राप्त हुए जबकि उनके मुक़ाबले शीला दीक्षित को केवल 18405 मत प्राप्त हुए|

नौकरशाह से सामाजिक कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता से राजनीतिज्ञ बने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने राजनीति में अपना पहला कदम रख दिया | इस चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी पूरी दिल्ली में दूसरे स्थान में आ गयी साथ में अपना ऐतिहासिक कदम राजनीति में रखने के बाद केंद्र सत्ता पार्टी कांग्रेस को निचे खिसका दिया

आम आदमी पार्टी का गठन

आम आदमी पार्टी के गठन की आधिकारिक घोषणा भारतीय संविधान अधिनियम की 63 वीं वर्षगांठ के अवसर पर अरविंद केजरीवाल एवं लोकपाल आंदोलन के बहुत से सहयोगियों द्वारा 26 नवम्बर 2012 को दिल्ली स्थित स्थानीय जंतर मंतर पर की गई।

अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में फरवरी 2015 के चुनावों में उनकी पार्टी ने 70 में से रिकॉर्ड 67 सीटें जीत कर भारी बहुमत हासिल किया। 14 फरवरी 2015 को वे दोबारा दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुए।

दिल्ली के मुख्यमन्त्री

28 दिसम्बर 2013 से 14 फ़रवरी 2014 तक 49 दिन दिल्ली के मुख्यमन्त्री के रूप में कार्य करते हुए अरविन्द लगातार सुर्खियों में बने रहे।मुख्यमन्त्री बनते ही पहले तो उन्होंने सिक्योरिटी वापस लौटायी।फिर बिजली की दरों में 50% की कटौती की घोषणा कर दी।दिल्ली पुलिस व केन्द्रीय गृह मन्त्रालय के खिलाफ उन्होंने धरना भी दिया।जाते जाते उन्होंने भूतपूर्व व वर्तमान केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा व वीरप्पा मोईली तथा भारत के सबे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी व उनकी कम्पनी रिलायंस के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराने के आदेश जारी कर दिये।लोकपाल मुद्दे पर हुए आंदोलन से ही अरविन्द पहली बार देश में जाने गये थे। विधान सभा में कांग्रेस और बीजेपी के लोकपाल बिल के विरोध में एक हो जाने पर और भ्रष्ट नेताओ पर लगाम कसने वाले इस लोकपाल बिल के गिर जाने के बाद उन्होंने नैतिक आधार पर मुख्यमन्त्री पद से इस्तीफा दे दिया।
लोकपाल बिल भी एक प्रमुख मुद्दा रहा जिस पर उनका दिल्ली के लेफ्टिनेण्ट गवर्नर, विपक्षी दल भाजपा और यहाँ तक कि समर्थक दल काँग्रेस से भी गतिरोध बना रहा।

                                                              Arvind Kejriwal arrested by ED

अरविन्द केजरीवाल को ईडी ने क्यों गिरफ़्तार किया

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके आधिकारिक आवास पर कई तलाशी और पूछताछ सत्र के बाद 21 मार्च को उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद, आम आदमी पार्टी (आप) ने इस संबंध में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार और संघीय एजेंसी के खिलाफ देशव्यापी विरोध का आह्वान किया। – अल जजीरा ने अपने लेख का शीर्षक “‘मृत लोकतंत्र’: क्या अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी भारत के विपक्ष को एकजुट करेगी?” “नवीनतम गिरफ्तारी ने भारत की राजधानी को एक अभूतपूर्व संवैधानिक संकट में डाल दिया – यह पहली बार है कि दिल्ली के सेवारत मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया गया है। यह “फर्जी मामले” पर मोदी की “गंदी राजनीति” है, केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) के एक प्रवक्ता ने अल जजीरा को बताया कि पार्टी नेता इस्तीफा नहीं देंगे, बल्कि “जेल से सरकार चलाएंगे”,केंद्रीय एजेंसी ने आप नेता पर ”साजिशकर्ता” होने का आरोप लगाया है. ईडी का मानना ​​है कि अब समाप्त हो चुकी नीति खुदरा विक्रेताओं के लिए लगभग 185 प्रतिशत और थोक विक्रेताओं के लिए 12 प्रतिशत का असंभव उच्च लाभ मार्जिन प्रदान करती है।

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