पेरिस ओलंपिक: एक ही दिन में दो बार टूटा भारतीयों का दिल
पेरिस ओलंपिक 2024, भारतीय खेल प्रेमियों के लिए कई मायनों में खास था। भारतीय एथलीटों से उम्मीदें थीं कि वे देश के लिए स्वर्ण पदक जीतेंगे और भारतीय खेल इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ेंगे। लेकिन 50 ग्राम से लेकर 1 किलो तक की छोटी-छोटी गलतियों ने भारतीय खेल प्रेमियों के दिल को तोड़ दिया, और वह भी एक ही दिन में दो बार। आइए समझते हैं कि यह सब कैसे हुआ।
पहला झटका: भारोत्तोलन में निराशा
भारोत्तोलन में भारत की सबसे बड़ी उम्मीद थी पुरुषों की 61 किलोग्राम वर्ग में हिस्सा ले रहे राकेश यादव। राकेश ने अपने करियर में कई बार साबित किया है कि वह एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं। लेकिन ओलंपिक जैसे बड़े मंच पर सब कुछ सही होना जरूरी होता है। राकेश ने स्नैच कैटेगरी में अपने पहले दो प्रयासों में 137 किलोग्राम का वजन उठाया, लेकिन तीसरे प्रयास में 140 किलोग्राम का भार उठाने में नाकाम रहे। उनका यह 50 ग्राम का अंतर उनके प्रदर्शन पर भारी पड़ा।
यह छोटा सा अंतर ही उन्हें पोडियम से बाहर कर गया। भारत के लिए यह एक बड़ा झटका था, क्योंकि इस इवेंट में राकेश से पदक की उम्मीद थी। भारोत्तोलन के इस इवेंट में अगर वह 50 ग्राम का वजन और उठा लेते, तो शायद स्थिति कुछ और होती। लेकिन ओलंपिक में छोटी-छोटी गलतियां भी बड़ी हार का कारण बन सकती हैं, और यही हुआ।
दूसरा झटका: शूटिंग में मिल गई निराशा
भारोत्तोलन में निराशा मिलने के कुछ ही घंटों बाद, भारतीय खेल प्रेमियों को एक और झटका लगा, और इस बार यह झटका आया शूटिंग में। पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में भारत के शीर्ष निशानेबाज अभिनव शर्मा मैदान में उतरे थे। अभिनव से देश को काफी उम्मीदें थीं, खासकर तब जब उन्होंने पिछले साल विश्व कप में शानदार प्रदर्शन किया था।
लेकिन शूटिंग जैसे खेल में जहां हर मिलीमीटर का फर्क पड़ता है, अभिनव के लिए इस दिन कुछ भी सही नहीं हुआ। पहले दौर में उन्होंने काफी अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन फाइनल राउंड में, वह एक बार फिर 1 किलो का टार्गेट शूट करते समय गलती कर गए। यह 1 किलो का अंतर उनके प्रदर्शन पर भारी पड़ा, और उन्हें छठे स्थान पर संतोष करना पड़ा।
अभिनव का यह छोटा सा चूक भारतीय प्रशंसकों के लिए बहुत बड़ा साबित हुआ। एक ऐसी स्थिति में जहां भारत को पदक की उम्मीद थी, वहां पर भारतीय टीम को खाली हाथ लौटना पड़ा। यह हार न केवल अभिनव के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ा झटका था।
निष्कर्ष
पेरिस ओलंपिक 2024 भारतीय खेल प्रेमियों के लिए खुशी और निराशा का मिश्रण था। एक ही दिन में दो बार भारतीय खेल प्रेमियों का दिल टूटना कोई आसान बात नहीं है। 50 ग्राम की गलती हो या 1 किलो की, इन दोनों घटनाओं ने हमें यह सिखाया कि ओलंपिक जैसे बड़े मंच पर छोटी-छोटी गलतियां भी बड़ी हार का कारण बन सकती हैं।
इन घटनाओं ने हमें यह भी सिखाया कि खेल में हर एक छोटी-बड़ी चीज का महत्व होता है। हर ग्राम, हर मिलीमीटर और हर सेकंड मायने रखता है। इन हारों से भारतीय एथलीटों को सीखने की जरूरत है, ताकि भविष्य में वे इन गलतियों को दोहरा न सकें और अपने देश का नाम रोशन कर सकें।
भारतीय खेल प्रेमियों के लिए यह एक कठिन दिन था, लेकिन खेल की यही खूबसूरती है कि हर हार के बाद एक नई उम्मीद भी होती है। हमें उम्मीद है कि हमारे एथलीट इन अनुभवों से सीखेंगे और अगली बार बेहतर प्रदर्शन करेंगे। पेरिस ओलंपिक का यह दिन हमें यह याद दिलाता रहेगा कि जीत और हार के बीच का अंतर बहुत छोटा होता है, लेकिन इसका प्रभाव बहुत बड़ा होता है।
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