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संभल: आखिर क्या मिला संभल में हिंसा… कई घंटे तक चली फायरिंग, जामा मस्जिद के सदर से पूछताछ

Sambhal: What did violence in Sambhal lead to... Firing continued for several hours, Jama Masjid's head questioned

Sambhal: आखिर क्या मिला संभल हिंसा में... कई घंटों तक प्रूफ खंगाले, जामा मस्जिद के सदर से किया पूछताछ

Sambhal: आखिर क्या मिला संभल हिंसा में… कई घंटों तक प्रूफ खंगाले, जामा मस्जिद के सदर से किया पूछताछ

जामा मस्जिद के सदर में सर्वे के चलते हुई हिंसा के खोज के कारण ज्यूडिशियल कमीशन ने अपनी खोज चालू कर दी है। रविवार को कमीशन के अध्यक्ष इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज देवेंद्र कुमार अरोड़ा और रिटायर्ड आईपीएस ऑफिसर अरविंद कुमार जैन ने 2 घंटे तक सबूत खंगाले। साथ ही उन्होंने जामा मस्जिद के अंदर-बाहर का भ्रमण भी किया।

दूसरी ओर वे जामा मस्जिद भी गए, वहीं मस्जिद के इंतेजामिया कमेटी के सदर जफर अली और कई लोगों से पूछताछ कर हिंसा से जुड़े सभी सवालों के जवाब खोजने की कोशिश की। जहां जिला व डिविजनल लेवल ऑफिसर्स के साथ बैठक भी करी। जिधर आयोग के तीसरे मेंबर रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर अमित मोहन प्रसाद नहीं आए।

सामने आया अराजकत्वों की मौजूदगी

कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने कहा कि आयोग के अध्यक्ष और मेंबर को अब तक हुई सारी कार्रवाई से आमना-सामना कराया। जिसमें पूरे मामले की कार्रवाई चल रही है। इलीगल ऐक्टिविटी में अब तक हुई जांच में मौजूद अराजकत्वों की इन्वॉल्वमेंट भी सामने आया। हर एक को मार्केड करने का काम चालू है।

19 नवंबर को सिविल जज कोर्ट में संभल की जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर के होने का मुकदमा पेश किया गया था। साथ ही उसी दिन कोर्ट के आदेश पर मस्जिद की वीडियोग्राफी एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव ने करवाई थी।

उपद्रवियों ने की फायरिंग

24 नवंबर को वीडियोग्राफी कराने के दौरान 4 लोगों की जान चली गई थी, लेकिन उपद्रवियों की पथराव और फायरिंग के चलते 30 से ज्यादा अधिकारी व पुलिसकर्मी घायल हुए थे। उपद्रवियों की तरफ से आगजनी भी हुई थी।

गवर्नर ने हिंसा के कारण किया गठन

गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने हिंसा की खोज के कारण ज्यूडिशियल कमीशन का गठन किया है। जहां 2 महीने में आयोग को अपनी रिपोर्ट देना है। वहीं आयोग की टीम ने सुरक्षा घेरे में जामा मस्जिद के अंदर-बाहर का दौरा किया था।

लगभग 15 मिनट रुककर वहां मस्जिद की इंतेजामिया कमेटी के सदर जफर अली और बाकी लोगों से घटना से जुड़े पूछताछ की। जिस जगह कार और बाइकों को जलाया गया था, उस जगह को टीम ने भी देखा था। जिसके बाद वाटर वर्क्स की ओर जाने वाले रास्ते को भी जांचा गया।

हिंसा से जुड़े सभी एरिया को देखा गया। आयोग के अध्यक्ष और मेंबर के सर्वे शुरू होने से लेकर हिंसा होने तक की पूरी जानकारी हासिल की। साथ ही उन्होंने ऑफिसर के साथ बैठक कर छोटी से छोटी जानकारी ली। वहीं ऑफिसर ने उनको बताया कि जब सभी उपद्रवियों से घर गए तब कैसे बचाव किया। हालांकि, टीम कोई रिकॉर्ड नहीं ले गई है।

टीम के दोबारा आने की संभावना है। साथ ही टीम जिस समय आएगी, लोगों को बताया भी जाएगा, जिस के कारण अगर टीम के समक्ष कोई भी अपनी बात रखना चाहता है, तो उसका भी बयान दर्ज किया जाएगा।

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